टोक्यो ओलिंपिक में चीनी ताइपे की वर्ल्ड नंबर-1 ताइजु यिंग ने पीवी सिंधु को 21-18, 21-12 से हरा दिया। पहले गेम में दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। हालांकि दूसरे गेम में चीनी ताइपे की खिलाड़ी ने एकतरफा अंदाज में जीत हासिल की। सिंधु अब ब्रॉन्ज मेडल के लिए चीन की जियाओ बिंग हे का मुकाबला करेंगी। यह मुकाबला रविवार को शाम 5 बजे से होगा।
सिंधु की हार के मुख्य 5 कारण
सिंधु ओलिंपिक सेमीफाइनल में पहली बार एक ऐसी विपक्षी के खिलाफ उतरी थीं, जिनका हेड टु हेड रिकॉर्ड उनसे बेहतर है। ताइजु ने इसे अपने गेम से प्रूव भी किया। उन्होंने सिंधु को नेट प्ले, लंबी रैलियां और लाइन जजमेंट में शिकस्त दी।
1. लंबी रैलियां : सेमीफाइनल में ताइजु के कई आक्रामक शॉट्स को सिंधु बेहतर तरीके से नहीं खेल पाईं। ताइजु ने सिंधु को थकाकर स्मैश से पॉइंट हासिल किया। उन्होंने सिंधु को कोर्ट में काफी घुमाया लंबी रैलियां खेलने पर मजबूर किया।
2. लाइन जजमेंट : सिंधु की लाइन कॉलिंग भी अच्छी नहीं रही। मैच में 7 बार ऐसा हुआ जब उन्होंने यह सोच कर ताइजु के शॉट का जवाब नहीं दिया कि शटल बाहर जा रही है, लेकिन शटल अंदर गिरी। इससे सिंधु को नुकसान सहना पड़ा।
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3. नेट प्ले : ताइजु ने मैच के दौरान कई बार नेट के करीब शॉट खेले। पहले गेम में सिंधु ने इसका जवाब दिया, पर दूसरे गेम में सिंधु थकी हुई लग रही थीं। नेट के करीब से लगाया गया सिंधु का हर शॉट उनके कोर्ट में ही रुक जा रहा था।
4. माइंड गेम : ताइजु ने माइंड गेम का बेहतर इस्तेमाल किया। ताइजु जिस प्रकार चाहती थीं, सिंधु को उसी प्रकार खेलने पर मजबूर किया। ताइजु ने सिंधु के मजबूत पक्ष फोर हैंड पर कम शॉट खिलाए। इसके साथ ही सिंधु पर ताइजु का बेहतर रिकॉर्ड भी हावी रहा।
5. एक्स्ट्रा करने के लिए मजबूर किया : ताइजु ने सिंधु को कुछ एक्स्ट्रा ट्राई करने के लिए भी मजबूर किया। सिंधु ने ताइजु के खिलाफ क्रॉस कोर्ट शॉट लगाए, लेकिन यह शॉट या तो कोर्ट के बाहर गिरी या फिर ताइजु ने शानदार रिटर्न शॉट में सिंधु को उलझा दिया।
सिंधु पर हमेशा भारी रही हैं ताइजु
दोनों के बीच अब तक 19 मैच हुए हैं। इसमें से 14 मैच ताइजु और 5 मैच सिंधु ने जीते हैं। इतना ही नहीं सिंधु ताइजु के खिलाफ अपने पिछले चारों मैच हार चुकी हैं। दोनों इससे पहले BWF वर्ल्ड टूर फाइनल्स 2020 में भिड़ीं थीं। तब ताइजु ने सिंधु को 19-21, 21-12, 21-17 से हराया था।
ओलिंपिक से पहले सिंधु के विदेशी कोच पार्क तई संग ने कहा था कि सिंधु की राह में सबसे बड़ा कांटा ताइजु ही हैं। उन्होंने कहा था कि ताइजु अपने मोशन स्किल्स से सिंधु को परेशान करती हैं। इस बार भी वैसा ही हुआ।
ताइजु पहली बार ओलिंपिक फाइनल में पहुंचीं
ताइजु पहली बार ओलिंपिक के फाइनल में पहुंची हैं। वहीं सिंधु पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप में 3 ब्रॉन्ज, 2 सिल्वर और एक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। सिंधु ने 2016 रियो ओलिंपिक में ताइजु को राउंड स्टेज में 21-13, 21-15 से हराया था। सिंधु रियो में फाइनल तक पहुंची थीं और स्पेन की कैरोलिना मरीन के हाथों हार गई थीं और तब उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा था।
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सेमीफाइनल तक सिंधु का सफर
ग्रुप स्टेज के पहले मैच में सिंधु ने इजराइल की सेनिया पोलिकरपोवा को 21-7, 21-10 से हराया था। दूसरे मैच में उन्होंने हांगकांग की गन यी चियुंग को 21-9, 21-16 से हराया था। प्री-क्वार्टर फाइनल में सिंधु ने डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को 21-15, 21-13 से हराया, जबकि क्वार्टर फाइनल में उन्होंने जापान की अकाने यामागूची को 21-13, 22-20 से हराया था।
सेमीफाइनल तक ताइजु का सफर
पहले मैच में ताइजु ने स्विट्जरलैंड की सब्रिना जैकेट और थुई लिन गुयेन को हराया था। क्वार्टर फाइनल में ताइजु को थाईलैंड की रातचानोक इंतानोन के सामने सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा। थाईलैंड की खिलाड़ी ने पहले गेम में ताइजु को 21-14 से हराया था। इसके बाद वर्ल्ड नंबर-1 ताइजु ने वापसी की और बाकी दोनों गेम 21-18, 21-18 से जीत लिए।
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